Friday 25 March 2016

मूह का निवाला तक छीन रहे है गरीबो से , दलितों के उत्थान के नाम का खरबों के फंड से , एश कर रहे है स्वर्ण :::: गन्दा है पर धंधा है एन जी ओ


नई दिल्ली जन उदय , २५  मार्च . एस सी एस टी  ओबीसी के  विकास और उठान के नाम पर जो फण्ड एन जी ओ और अन्य संस्थाओं को मंत्रालय दिया जाता है उस फण्ड की जम  कर लूट हो रही है .. कम से कम जन उदय अखबार के द्वारा की गई जांच और आर टी आई से ये ही सामने आ रहा है.

दिल्ली ही नहीं देश के सभी राज्यों और शहरो में एस सी एस टी और ओ बी सी समुदाय के लोगो को प्रतियोगी परीक्षाओं में कोचिंग के नाम पर कोचिंग संस्थाओं को फण्ड दिया जाता है ताकि ये छात्र वहा से कोचिंग ले कर प्रतियोगी परीक्षाओ में भाग ले सके .  और ये फण्ड   हजारो करोड़ में  होता है लेकिन इसका लाभ कभी भी उन छात्रो को नहीं मिल पाता जो इसके लिए होते है , बल्कि इन छात्रो और वर्गों के नाम पर बहुत सारे एन जी ओ इन पैसो को खा जाते है  और ये सब होता है मंत्रालय के अफसरों और इन संस्थाओं की मिली भगत से .

जन उदय अखबार ने जब इस विषय में समाजिक न्याय और शाश्क्तिकरण मंत्रालय  में आर टी आई डाली  तो पहले तो अफसरों ने इस आर टी आई के जवाब में सूचना देने से मना कर दिया . लेकिन जब अपील की गई तो आर टी आई का जवाब तो आया लेकिन अधुरा ... ये सिर्फ एक सवाल का जवाब जिसमे पूछा गया था की फोटोन आई एस अकेडमी  के मेम्बर और उनके पता क्या है ... दूसरा महत्वपूर्ण सवाल जिसमे पूछा गया की आपने दिल्ली में किन किन संस्थाओ को एस सी एस टी ओबीसी  की कोचिंग के लिए किन किन संस्थाओ को फण्ड दिया गया है .... इस सवाल का जवाब देना मंत्रालय  उचित ही नहीं समझता ..... सरकार का पैसा , पब्लिक का पैसा , और पब्लिक का पैसा सरकार कहा खर्च करती है , क्या करती है उस पैसे का ये जनता को जानने का पूरा हक है .. लेकिन सरकारी अधिकारी  इस बात को नहीं मानते ....

बात सिर्फ इतनी नहीं है  इस बारे में जन उदय के सम्पादक सुरेन्द्र कुमार ने समाजिक न्याय और शाश्क्तिकरण मंत्रालय  में सचिव , मंत्री आदि सभी संबधित अधिकारिओ को  शिकायत लिखी . लेकिन किसी भी खत का जवाब नहीं आया और न हो कोई कार्यवाही  हुई
दिल्ली का देश में ऐसी बहुत सारी  संस्थाए है जो एस सी एस टी और ओबीसी के नाम पर खूब फण्ड लेती है फाइलों में उनके स्कूल , कोचिंग सेंटर चलते है , और फाइलों में तरक्की दिखा दी जाती है ..

जन जन उदय अखबार ने  ऐसी ही एक संस्था के बारे में शिकायत की और आर टी आई में पूछा की क्या आपने फोटोन आई ए एस अकादमी जिसको कोचिंग के लिए फण्ड दिया गया , आपने जा कर उस संस्था  को देखा ???   की वो मौजूद है या नहीं , ?? या वहा पर कितने छात्र  है , कितने छात्रो की वव्य्स्था क्या है , क्या सहूलियत है छात्रो के लिए  ...  आर टी आई का जवाब  है नहीं ...

सवाल ये है की जब सरकार को ये मालूम ही नहीं की कितने  छात्रो को फायदा किस संस्था से हुआ  , कितने छात्र को लाभ हुआ ... तो सरकार किस काम के लिए हजारो करोड़ का फण्ड बाट रही है ??
सिर्फ इसलिए की ये दिखाना है की हम वंचित समाज के लिए काम कर रहे है ..??
या सरकारी पैसे की लूट जैसे चल रही है चलती रहे क्योकि लूटने वालो में अफसर और नेताओं के प्यारे प्यादे भी होते है और ये एक साझा लूट होती है



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